Raat Ki Mehfil Sooni Sooni

Lata Mangeshkar

रात की महफ़िल सुनी सुनी, आँखे पुरानम दिल नाकाम सहमे सहमे अरमानो का, होना ही था यह अंजाम आ ओ ओ रात की महफ़िल सुनी सुनी भूल गये थे अपनी हस्ती, तुझको वफ़ा के जोश मे हम सब कुछ खोकर बेबस होकर, अब्ब आए हैं होश मे हम कैसे रह गये दिल के अरमान, टूटा साकी टूटा जाम होना ही था यह अंजाम ओ ओ रात की महफ़िल सुनी सुनी सर को जहा टकराए जाके, ऐसी कोई दीवार नही हाए री किस्मत हम दुनिया मे, प्यार के भी हकदार नही दिल होता जो अपने बस मे, लेते ना हम प्यार का नाम होना ही था यह अंजाम ओ रात की महफ़िल सुनी सुनी, आँखे पुरानाम दिल नाकाम सहमे सहमे अरमानो का, होना ही था यह अंजाम हो

Written by: ROSHAN ROSHAN, SHAKEEL BADAYUNILyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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