Kali Palak Teri Gori
Lata Mangeshkar, Kishore Kumar
हे हे ऊँ हूँ
काली पलक तेरी गोरी खुलने लगी है थोड़ी थोड़ी
एक चोरनी एक चोर के घर करने चली है चोरी हो चोरी
काली पलक पिया मोरी खुलने लगी है थोड़ी थोड़ी
एक चोरनी एक चोर के घर करने चली है चोरी हो चोरी
काली पलक पिया मोरी
आएगी बाँध के पायल तू होंठ दबाए बदन को चुराए
नाज़ुक क़मर से लगाए अदा की कटारी ज़ालिमाँ
फेरेगी धीरे धीरे तू मेरे गले पर ये बाँहों के ख़ंज़र
जाएगी दिल मेरा लेकर समझ के अनाड़ी बालमा
रोज़ रात को यूँ ही बाँधेगी लटों की डोरी हो डोरी
काली पलक तेरी गोरी हो खुलने लगी है थोड़ी थोड़ी
एक चोरनी एक चोर के घर करने चली है चोरी हो चोरी
काली पलक पिया मोरी
न तो मैं डोर से बाँधूं ना जाल बिछाऊँ न तीर चलाऊँ
नाज़ुक क़मर से लगाऊँ छुरी न कटारी साजना हो साजना
मैं तो तेरा दिल लूँगी तुझसे छुपा के नज़र को बचा के
यूँ ही ज़रा मुस्करा के कहूँगी अनाड़ी साजना
रोज़ रात को तेरे घर होगी तेरी चोरी हो चोरी
काली पलक पिया मोरी हो खुलने लगी है थोड़ी थोड़ी
एक चोरनी एक चोर के घर करने चली है चोरी हो चोरी
काली पलक तेरी गोरी
ह्ह्म ह्ह्म ह्ह्म
अच्छी हुई मेरी चोरी एक दिल खोया एक दिल पाया
ऐसे कोई पास आया कि आ गया लुटने का मज़ा
अच्छी तेरी मेरी जोड़ी के लूट गए दोनों तो बस गए दोनों
हँस के लिपट गए दोनों हुआ जब वादा प्यार का
रोज़ रात को मिलेंगे चंदा और चकोरी ओ चकोरी
काली पलक तेरी गोरी हो खुलने लगी है थोड़ी थोड़ी
एक चोरनी एक चोर के घर करने चली है चोरी
Written by: Majrooh Sultanpuri, R D BurmanLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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