Do Ankhiyan Jhuki Jhuki Si

Mukesh, Lata Mangeshkar

दो अंखिया झुकी झुकी सी दो अंखिया झुकी झुकी सी दो अंखिया झुकी झुकी सी दो अंखिया झुकी झुकी सी कलियों से नाजुक होंठों पर कविता रुकी रुकी सी दो अंखिया झुकी झुकी सी दो अंखिया झुकी झुकी सी शर्माती पलको में सपने जब आँख मिचौली खेलें शर्माती पलको में सपने जब आँख मिचौली खेलें लहराती जुल्फे मुखड़े को साये में जब ले ले इक खुश्बु उडी उडी सी दो अंखिया झुकी झुकी सी कलियों से नाजुक होंठों पर कविता रुकी रुकी सी दो अंखिया झुकी झुकी सी दो अंखिया झुकी झुकी सी एक पल लागे अपनी अपनी और दूजे पल बेगानी एक पल लागे अपनी अपनी और दूजे पल बेगानी कुछ अनजानी सी सूरत है कुछ जानी पहचानी आसा कर छुपी छूपीसी दो अंखिया झुकी झुकी सी मेरे दिल की खामोशी में ये हलचल कौन मचाये मेरे दिल की खामोशी में ये हलचल कौन मचाये एक धुंधली सी तस्वीर बने और बनकर मिट जाए इक हसरत दबी दबी सी दो अंखिया झुकी झुकी सी कलियों से नाजुक होंठों पर कविता रुकी रुकी सी दो अंखिया झुकी झुकी सी दो अंखिया झुकी झुकी सी

Written by: Rajinder Krishnan, Salil ChowdhuryLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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