Kaash Kahin Aisa Hota

Kumar Sanu

तू रु रु रु तू रु तू रु रु तू रु रु रु रु रु तू रु रु रु तू रु तू रु रु तू रु रु रु रु रु ऐ काश कहीं ऐसा होता के दो दिल होते सीने में ऐ काश कहीं ऐसा होता के दो दिल होते सीने में इक टूट भी जाता इश्क में तो इक टूट भी जाता इश्क में तो तकलीफ ना होती जीने में तकलीफ ना होती जीने में ऐ काश कहीं ऐसा होता के दो दिल होते सीने में सच कहते हैं सच कहते हैं लोग के पी कर रंज नशा बन जाता है कोई भी हो रोग ये दिल का दर्द दवा बन जाता है आग लगी हो इस दिल में तो आग लगी हो इस दिल में तो हर्ज़ है क्या फिर पीने में तो हर्ज़ है क्या फिर पीने में ऐ काश कहीं ऐसा होता के दो दिल होते सीने में इक टूट भी जाता इश्क में तो इक टूट भी जाता इश्क में तो तकलीफ ना होती जीने में तकलीफ ना होती जीने में तू रु रु रु तू रु तू रु रु तू रु रु रु रु रु तू रु रु रु तू रु तू रु रु तू रु रु रु रु रु भूल नहीं सकता ये सदमा याद हमेशा आएगा किसी ने ऐसा दर्द दिया जो बरसों मुझे तड़पाएगा भर नहीं सकते ज़ख्म ये दिल के भर नहीं सकते ज़ख्म ये दिल के कोई साल महीने में कोई साल महीने में ऐ काश कहीं ऐसा होता के दो दिल होते सीने में इक टूट भी जाता इश्क में तो इक टूट भी जाता इश्क में तो तकलीफ ना होती जीने में तकलीफ ना होती जीने में ऐ काश कहीं ऐसा होता के दो दिल होते सीने में आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

Written by: ANAND BAKSHI, VIJAY KALYANJI SHAHLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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