Main Kya Hoon

KK

ख्वाबों की दहलीज़ें क़दमों को अब मेरे है चूमती हां.. हां.. हां.. हां.. पहले था मैं पीछे ये दुनिया अब पीछे है घूमती हां.. हां.. हां.. हां.. मैं क्या हूँ मैं क्या ये बतलाऊं मैं वो हूं जो चाहूं वो पाऊं मैं खुद से ही वादे निभाऊं मैं वो हूं जो चाहूं वो पाऊं जो चाहूं वो पाऊं अब सारी राहें खोले बाहें पीछे आएं मेरे मंज़िलें अब जाऊं जहाँ लगे वहाँ मेरे होने से हैं महफ़िलें हो.. अब सारी राहें खोले बाहें पीछे आएं मेरे मंज़िलें अब जाऊं जहाँ लगे वहाँ मेरे होने से हैं महफ़िलें मैं जीने का अंदाज़ जानूं मैं खुशियों का हर राज़ जानूं मैं जान-ओ-जहाँ को बतलाऊं मैं वो हूं जो चाहूं वो पाऊं मैं खुद से ही वादे निभाऊं मैं वो हूं जो चाहूं वो पाऊं जो चाहूं वो पाऊं अब जाना मैंने जीना क्या है क्या है पूरा होना खवाब का अब देखूँ ना वो सोचूँ ना वो जो भी यहाँ ना हो ख्वाब सा हो.. अब जाना मैंने जीना क्या है क्या है पूरा होना खवाब का अब देखूँ ना वो सोचूँ ना वो जो भी यहाँ ना हो ख्वाब सा है शामों में अब तो सवेरे है हाथों में अब वक़्त मेरे मैं ऊंचा इरादों से जाऊं मैं वो हूं जो चाहूं वो पाऊं मैं खुद से ही वादे निभाऊं मैं वो हूं जो चाहूं वो पाऊं ख्वाबों की दहलीज़ें क़दमों को अब मेरे है चूमती हां.. हां.. हां.. हां

Written by: KAMIL IRSHAD, PRITAMLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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