Ek Botal Ho Bagal Mein
Lata Mangeshkar, Kishore Kumar
हे बुई बुई बुई बुई
बुई बुई
एक बोतल हो बगल में
और हाथ में हो एक जाम
फिर किसको फुर्सत सोचे
कब सुबह हुई कब शाम
एक बोतल हो बगल में
और हाथ में हो एक जाम
फिर किसको फुर्सत सोचे
कब सुबह हुई कब शाम
पी पी रे पी पी रे
हा जब थोडी सी गले में गल जाती है यारो
आंखों में गुलाबी शम्मा जल जाती है यारो
हे डू डू डू डू
जब थोडी सी गले में गल जाती है यारो
आंखों में गुलाबी शम्मा जल जाती है यारो
चार कतरो से निकल जाता है सारा काम
एक बोतल हो बगल में
और हाथ में हो एक जाम
फिर किसको फुर्सत सोचे
कब सुबह हुई कब शाम
पी पी रे पी पी रे
ह रो रो के जीने वालो
पीने की आदत डालो
मेखाने में आ बैठो
और अपनी प्यास भुजा लो
भुजा लो भुजा लो भुजा लो
ह ह ह ह ह ह
रो रो के जीने वालो
पीने की आदत डालो
मेखाने में आ बैठो
और अपनी प्यास भुजा लो
देखो जन्नत मिल रही है
कितने सस्ते दाम
एक बोतल हो बगल में
और हाथ में हो एक जाम
फिर किसको फुर्सत सोचे
कब सुबह हुई कब शाम
हा मत सोचो पिने से
होती है कोई खराबी
अपना क्या बिगड़ेगा
जो दुनिया कहे शराबी
शराबी शराबी शराबी
ह ह ह ह ह ह
मत सोचो पीने से
होती है कोई खराबी
अपना क्या बिगड़ेगा
जो दुनिया कहे शराबी
नाम होता है उसी का(नाम होता है उसी का)
जो हुआ बदनाम(जो हुआ बदनाम)
एक बोतल हो बगल में
और हाथ में हो के जाम
फिर किसको फ़ुर्सत सोचे
कब सुबह हुई कब शाम
पी पी रे पी पी रे पी पी रे पी पी रे
Written by: RAHUL DEB BURMAN, RAJINDER KRISHANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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