Dil Todne Walon Ki

Kishore Kumar

दिल तोड़ने वालो की महफ़िल में आ गया हूँ कैसे दुवाये दू मै मुश्किल में आ गया हूँ अगर दिल हमारा शीशे के बदले पत्थर का होता पत्थर का होता तो टूटता न फूटता मानता ना रुठता ना बार बार हँसता ना जार जार रोता अगर दिल हमारा ना एहसास होता ख़ुशी में ख़ुशी का ना एहसास होता ख़ुशी में ख़ुशी का ना महसूस होता यह गम ज़िन्दगी का वह प्रीतम की गलिया नहीं ना सही मुकद्दर में कलियाँ नहीं ना सही यह चुन चुन के काँटों की माला ना पिरोता अगर दिल हमारा शीशे के बदले पत्थर का होता पत्थर का होता तो टूटता न फूटता मानता ना रुठता ना बार बार हँसता ना जार जार रोता अगर दिल हमारा है कागज के फूलो का यह गुलसितां है कागज के फूलो का यह गुलसितां महक इसकी नकली है नकली फ़िज़ा सितमगर तुझे बेवफा जानता अगर तेरी नजरो को पहचानता घरौंदे मैं सपनो के क्यों कर सँजोता अगर दिल हमारा शीशे के बदले

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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