Sharam Aati Hai Magar

Lata Mangeshkar, Kishore Kumar

शर्म आती हैं मगर आज येह केहना होगा शर्म आती हैं मगर आज येह केहना होगा अब हमें आप के कदमो ही में रेहना होगा शर्म आती हैं मगर आप से रूठ के हम जितना जिए खाक जिए आप से रूठ के हम जितना जिए खाक जिए कई इल्जाम लिए और कई इल्जाम दिए आज के बाद मगर कुछ भी ना केहना होगा अब हमें आप के कदमो ही में रेहना होगा शर्म आती हैं हम्म देर के बाद यह समझे हैं मोहब्बत क्या है अब हमें चाँद के झूमर की जरुरत क्या है प्यार से बढ़के भला कौनसा गेहना होगा अब हमें आप के कदमो ही में रेहना होगा शर्म आती हैं मगर आज येह केहना होगा आप के प्यार का बीमार हमारा दिल है आप के प्यार का बीमार हमारा दिल है आपके गम का खरीदार हमारा दिल है आपको अपना कोईं दर्द ना सेहना होगा अब हमें आपके कदमों ही में रेहना होगा शर्म आती हैं मगर आज येह केहना होगा शर्म आती हैं हम्म

Written by: R D Burman, Rajinder KrishnanLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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