Main Nazuk Dil Shehzaadi
कविता कृष्णमूर्ति
(?)
हो मैं नाजुक दिल शहज़ादी
हो मैं नाजुक दिल शहज़ादी
हो मैं किस मौसम मे करू शादी
हो मै नाज़ुक दिल शहज़ादी
हो मैं नाज़ुक दिल शहज़ादी
हो मैं किस मौसम मे करू शादी
धूप मे मेरा रूप जलेगा
पंखा सारी रात चलेगा
आएगा मुझे कितना पसीना
अलग अलग रहने का महीना
ठंडी ठंडी आहे भरँगी
कैसे पिया से प्यार करूँगी
होगी बड़ी बर्बादी होगी बड़ी बर्बादी
जो गर्मी मे हुई मेरी शादी
हो मैं नाज़ुक दिल शहज़ादी
हो मैं किस मौसम मे करू शादी
सावन उसके लिए सुहाना
जिसको हो घर बैठ के गाना
Shopping vopping सैर सपाटा
कैसे करूँगी पकड़ के छाता
Shopping vopping सैर सपाटा
कैसे करूँगी पकड़ के छाता
चुनरी हवा मे उड़ जाएगी
चोली बदन से उड़ जाएगी
होगी बड़ी बर्बादी होगी बड़ी बर्बादी
जो बारिश मे हुई मेरी शादी
हो मैं नाज़ुक दिल शहज़ादी
हो मैं किस मौसम मे करू शादी
सर्दी से ही दिल डरता है
पर अब मेरा जी करता है
सर्दी गर्मी सब सह जाउ
सोचती ही मैं ना रह जाउ
ब्याही ना जाए बलम सारे
बीत ना जाए मौसम सारे
होगी बड़ी बर्बादी होगी बड़ी बर्बादी
जो जल्दी ना हुई मेरी शादी
हो मैं नाज़ुक दिल शहज़ादी
हो मैं किस मौसम मे करू शादी
हो मैं किस मौसम मे करू शादी
Written by: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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