Chhod Diya

कनिका कपूर

जो तेरे बिन खाली था वो तो मेरा ही दिल था मैं थी मुसाफ़िर राह की तेरी तुझ बिन मेरा था दायरा मैं भी कभी थी मेहबर तेरी ख़ानाबदोश मैं अब ठहरी ख़ानाबदोश मैं अब ठहरी छूती नहीं उन फूलों को जिन फूलों में तेरी खुश्बू न हो रूठ गयी उन ख़्वाबों से जिन ख़्वाबों में तेरा ख़्वाब न हो मैं शहर में तेरे थी गैरों सी मुझे अपना कोई ना मिला मेरे लम्हों से मेरे ज़ख्मों से अब तो मैं दूर चली छोड़ दिया वो रास्ता जिस रास्ते से तुम थे गुज़रे तोड़ दिया वो आईना जिस आईने में तेरा अक्स दिखे

Written by: KANIKA KAPOOR, SHABBIR AHMEDLyrics © Royalty Network, Peermusic PublishingLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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