Ishq Anokha

Kailash Kher

देह नैन हूँ चंद्रा रें हूँ दरिया ल़हेर बिना सागर ठहर बिना दरिया ल़हेर बिना हो सागर ठहर बिना वे तू नादिया मदमाती तू हवा बन इठलाती हम धूप की चट्टानें तू हास हास फिगलाती है मेरा इश्क़ अनोखा है री है मेरा इश्क़ अनोखा है री बस जताना नही आता हन बताना नही आता है मेरा इश्क़ अनोखा है री है मेरा प्रेम निराला है री तेरे बिन मैं मैं तेरे बिन जैसे देह बिन प्राण हे री डोरा हथेली पे रख लाया जान तेरे बिन मैं मैं तेरे बिन जैसे देह बिन प्राण हे री डोरा हथेली पे रख लाया जान वे तू नादिया मदमाती तू हवा बन इठलाती हम धूप की चट्टानें तू हास हास फिगलाती है मेरा इश्क़ अनोखा है री है मेरा इश्क़ अनोखा है री बस जताना नही आता हन बताना नही आता है मेरा इश्क़ अनोखा है री है मेरा इश्क़ अनोखा है री बतलाना नही आता हेई बतलाना नही आता समझना नही आता समझना नही आता है मेरा इश्क़ अनोखा है री है मेरा इश्क़ अनोखा है री

Written by: Kailash KherLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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