Bandhishe Khathil Dil Ki
Kailash Kher
गर्दिश की ऐसी घड़ी आ गयी है
मायूसी मुझमे यू छा गयी है
होगा ना मुझसा मुक़द्दर का मारा
जीते जी तन से रूह जा रही है
आ आ आ
बंदिशें क़ातिल दिल की, मुझे तड़पाएँ
ख्वाइशें इश्क़ की तेरी, तेरे दर लाएँ
बंदिशें कातिल दिल की, मुझको तड़पाएँ
ख्वाइशें इश्क़ की तेरी, तेरे दर लाएँ
मेरे मौला...आ...आ..एयेए..एयेए
मेरे मौला...आ...आ..एयेए..एयेए
भूले को राह दिखा दे...मेरे मौला
रहम - ओ - करम बरसादे मेरे मौला
बिखर गये दहलीज़ पे जो
बिखर गये दहलीज़ पे जो
बिखर गये दहलीज़ पे जो
बिखर गये दहलीज़ पे जो
ख्वाबों को फिर से बसा दे मेरे मौला
रहम - ओ - करम बरसादे मेरे मौला
महफ़िल में है तन्हाई भरी
ढूंढे दर बदर तुझे धड़कन मेरी
चिलमन दरमियाँ उसको तू हटा मौला
तरसू जिसको मैं जन्नत वो दिखा मौला
इस बेकरार दिल की पुकार सुन ले रे मेरे मौला
गर तू कहे तो करू जान निसार तुझपे आए मेरे मौला
मौलाआअ आआ एयेए आआ एयेए
मौला आआ आआ एयेए आआ
चमन जो उजड़ा खिला दे मेरे मौला
कहेर को सर से हटा दे मेरे मौला
बेचैन दिल को सुकून मिले
बेचैन दिल को सुकून मिले
बेचैन दिल को सुकून मिले
बेचैन दिल को सुकून मिले
ऐसा एक कांधा दिला दे मेरे मौला
रहम-ओ-करम बर्सादे मेरे मौला
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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