Din Aa Gaye Shabab Ke

Chitra Singh, Jagjit Singh

दिन आ गए शबाब के आँचल संभालिये दिन आ गए शबाब के आँचल संभालिये होने लगी है शहर में हलचल संभालिये दिन आ गए शबाब के आँचल संभालिये चलिए संभल संभल के कठिन राह-ऐ-इश्क़ है चलिए संभल संभल के कठिन राह-ऐ-इश्क़ है नाज़ुक बड़ी है आपकी पायल संभालिये दिन आ गए शबाब के आँचल संभालिये सज धज के आप निकले सर-ए-राह ख़ैर हो सज धज के आप निकले सर-ए-राह ख़ैर हो टकरा न जाए आपका पागल संभालिये दिन आ गए शबाब के आँचल संभालिये घर से ना जाओ दूर किसी अजनबी के साथ घर से ना जाओ दूर किसी अजनबी के साथ बरसेंगे जोर-शोर से बादल संभालिये दिन आ गए शबाब के आँचल संभालिये होने लगी है शहर में हलचल संभालिये दिन आ गए शबाब के आँचल संभालिये

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