Bhul Gaye
SubSpace, जे त्रिक्ष
Hook
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मिली बंदी तो ये अपनो को भूल गये
मिले कुछ पैसे तो सपनो को भूल गये
मिला मुकाम तो रूट्स ही भूल गये!
जो उड़ने लगे तो उतरना ही भूल गये, उतरना ही भूल गये
मिली बंदी तो ये अपनो को भूल गये
मिले कुछ पैसे तो सपनो को भूल गये
मिला मुकाम तो रूट्स ही भूल गये!
जो उड़ने लगे तो उतरना ही भूल गये, उतरना ही भूल गये
दिन के चार पहेर पे चार चेहरे इनके
दोस्तों पे वार गहरे इनक
धोका ह मिलता जो रहते ये साथ जो ना मतलब तो करदोगे चार गिंके
फेक पीपल फेक बॉस
एक्सपोज़ करू मैं इन्हे फेस वॉश
आदत सी पाड़गाई है मुझको खराब
अब तो दिखते ये चार बिना पिए शराब
बात करो इनसे सारी बेकार है, राज़ नही तेरी बातें
जो इनके पास ख़तरनाक बने
तेरे लिए रहके तेरे दोस्त तेरे हर बर्बादी की इवेंट करे होस्ट!
योउ सपोज़!
साथ खड़े चार पर पीठ पीछे बने तेरे एनिमी
दिखते इंसान से पर नाम के ये आदमी;
ज़बान की कोई वॅल्यू नई करते बदनाम अपनी फॅमिली!
ये असली बस उतने है जितना की होता एक नेता एलेक्षन से पहले!
ये लायल बस उतने है जितना की होता एंप्लायी रिजेक्षन से पहले !
ये देते बस झूता सहारा पीछे रहके बस तेरे गिरने से पहले
है डरते ये सच से भाई इतनी की सोचते ह 100 बार कुछ बकने से पहले तो
Hook
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मिली बंदी तो ये अपनो को भूल गये
मिले कुछ पैसे तो सपनो को भूल गये
मिला मुकाम तो रूट्स ही भूल गये!
जो उड़ने लगे तो उतरना ही भूल गये, उतरना ही भूल गये
मिली बंदी तो ये अपनो को भूल गये
मिले कुछ पैसे तो सपनो को भूल गये
मिला मुकाम तो रूट्स ही भूल गये!
जो उड़ने लगे तो उतरना ही भूल गये, उतरना ही भूल गये
नयी दोस्त नयी जागेह इन्हे दिखा नया फायेदा
दोस्ती में क़ानून ना काएदा
होता अगर तो ये होते सालाखों के पीच्चे बाकएडा! बोल और कितना पकाएगा
तेरे गांग मे वो बात नई
फेक इनकी बातें हैं स्लॅंग मे वो बात नई
क्र्यू तेरी झूठी है देंगे वो साथ नई
अगर इनके फाएेदे मे तेरा कोई हाथ नई
उूओह! ह्यूम दिखता है सब
झूठ मे बाँध के बिकता ना सच
सिर्फ़ मेहमान तू दूरी तो रख
हम ठोके ना जाली मजबूरी समझ
दिखे चारो ओर मुझे लोग जो नकल करे बोहोट पर सफलता मे खोट ना चले
तू कर नोट जो उठाता तू फायेदा भरोसा का उल्टी पड़ेगी तेरी सोच
ना फालतू खरॉच
हर घड़ी ये बदलते नक़ाब इन्हे इस्तेमाल करे फिर भी विस्वास नई
हर घड़ी ये चाहते बिगाड़ना तुझे पर भाई ये तो उसमे भी ख़ास नई
नकली दिखावा तेरे कामयाबी पे जाली ये खुशी
सोचके खुदको ई'म थे मान! बुत थे राथेर बे आ
मिली बंदी तो ये अपनो को भूल गये
मिले कुछ पैसे तो सपनो को भूल गय
मिला मुकाम तो रूट्स ही भूल गये
जो उड़ने लगे तो उतरना ही भूल गये, उतरना ही भूल गये
मिली बंदी तो ये अपनो को भूल गये
मिले कुछ पैसे तो सपनो को भूल गये
मिला मुकाम तो रूट्स ही भूल गये!
जो उड़ने लगे तो उतरना ही भूल गये, उतरना ही भूल गये
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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