Bheegi Bheegi Raaton Mein

इशान दत्ता, पल्लवी केळकर

भीगी भीगी रातों में रातों में रातों में ऐसी बरसातों में कैसा लगता है लगता है लगता है भीगी भीगी रातों में मिठी मिठी रातों में ऐसी बरसातों में कैसा लगता है ऐसा लगता है तुम बनके बादल मेरे बदन को भीगो के मुझे छेड़ रहे हो छेड़ रहे हो ऐसा लगता है तुम बनके बादल मेरे बदन को भीगो के मुझे छेड़ रहे हो छेड़ रहे हो अंबर खेले होली उइ माँ भीगी मोरी चोली हमजोली हमजोली अंबर खेले होली उइ माँ भीगी मोरी चोली हमजोली हमजोली हो पानी के इस रेले में सावन के इस मेले में छत पे अकेले में कैसा लगता है ऐसा लगता है तुम बनके घटा अपने सजन को भीगो के खेल खेल रही हो खेल रही हो ऐसा लगता है तुम बनके बादल मेरे बदन को भीगो के मुझे छेड़ रहे हो छेड़ रहे हो हे हे हो हो हो हो बरखा से बचा लूँ तुझे सीने से लगा लूँ आ छुपा लूँ आ छुपा लूँ बरखा से बचा लूँ तुझे सीने से लगा लूँ आ छुपा लूँ आ छुपा लूँ हो दिल ने पुकारा देखो रुत का इशारा देखो उफ़ ये नज़ारा देखो कैसा लगता है ऐसा लगता है कुछ हो जाएगा मस्त पवन के ये झोके सैयाँ देख रहे हैं देख रहे हैं ऐसा लगता है तुम बनके बादल मेरे बदन को भीगो के मुझे छेड़ रहे हो छेड़ रहे हो ऐसा लगता है ऐसा लगता है ऐसा लगता है ऐसा लगता है ऐसा लगता है

Written by: ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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