Are Ghar Ko Mat Godam Bana
Hemlata
अरे घर को मत गोदाम बनाना
समझे
अरे घर को मत गोदाम बनाने
तू न अकेले अकेले खाना
औरो का हक़ छीन छीन
तबला बजेगा
तबला बजेगा
भीं भीं
जब होंगे एक पे
तिन तिन तबला बजेगा
छोटा मुँह और बात बड़ी
बात बड़ी कहनी ही पड़ी
बुरा न मनो यार
जो घर को गोदाम
बनाये वो तो है गद्दार
अरे वो तो है गद्दार
जमाना पर खुद न नाले
तुझे जितना हो दरकार
तुझे जितना हो दरकार
दौलत को तू कैद न करना
तू अपनी ही जेब न भरना
औरो का हक़ छीन छीन
तबला बजेगा
तबला बजेगा
भीं भीं
जब होंगे एक पे तीन तिन
तबला बजेगा
बग़ावत करदेगी तेरी
अरे हज़ामत करदेगी
जो कुछ है वो सबका है
क्यों एक करे अधिकार
क्यों एक करे अधिकार
अरे मालिक बन कर बैठ गया
क्यों तू है पहरेदार
अरे तू है पहरेदार
काम चोर को सिर्फ भूख से
मर जाने का हक़ है
मर जाने का हक़ है
जो मेहनत करता है
उसको ही खाने का हक़ है
उसको ही खाने का हक़ है
जनता को कमजोर न तू गिण
दिन आने वाला है ऐसा भी
मारेगी जनता बिन बिन
तबला बजेगा
तबला बजेगा
भीं भीं
जब होंगे एक पे तीन तिन
तबला बजेगा
डेकोहो यारो लालच
देकर कोई तोड़ न डाले
अलग अलग फुसलाकर
हमको फूट न कोड डाले
मेहनत कोई और करे
कोई और हड़प ले जाये
कोई और हड़प ले जाये
देखो चीटिया बिल जो बनाये
सांप का बिल कहलाये
अरे सांप का बिल काहलये
साडी चीटिया सिमट जाये
तो सांप को जिन्दा खा जाये
सांप को जिन्दा खा जाये
अरे क्यों न हा मसब मिलाकर
जालिम पे टकरा जाये
जालिम पे टकरा जाये
कोई हमें छोटा न माने
कोई हमें मुर्ख जाने
मारेगी हम बिन बिन
तबला बजेनेदो
तबला बजेनेदो
भीं भीं
मारो जालिम को बीन बीन
तबला बजेनेदो
मारो जालिम
तबला बजेनेदो
मारो जालिम
Written by: ANANDJI KALYANJI, ANANDJI V SHAH, Indeewar, KALYANJI VIRJI SHAHLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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