Patakha Main Hoon Patakha

Hemlata

मेघ तुहि नहीं जल बरसाए मेरे भी मन पर बादल छाए गरज गरज तू बोले मैं गुमसुम रहु मेघ तुहि नहीं जल बरसाए मेरे भी मन पर बादल छाए गरज गरज तू बोले मैं गुमसुम रहु तुझको मिला सागर से नीर मुझको मिली साजन से पीर तुझको मिला सागर से नीर मुझको मिली साजन से पीर तू दुनिआ से कहता फिरे हसकर सह लूँ मै हर पीर तू दुनिआ से कहता फिरे हसकर सह लूँ मै हर पीर भेद तू अपने खोले मै गहरी बहु मेघ तुहि नहीं जल बरसाए मेरे भी मन पर बादल छाए गरज गरज तू बोले मैं गुमसुम रहु मेरा रोना ख़ून आये तेरा रोना सावन लाए मेरा रोना ख़ून आये तेरा रोना सावन लाए इसीलिए आँसू पीती हूँ मै जग रोतो की हसि उड़ाये इसीलिए आँसू पीती हूँ मै जग रोतो की हसि उड़ाये मेरे भी मन में है शोले मैं का से कहूँ मेघ तुहि नहीं जल बरसाए मेरे भी मन पर बादल छाए गरज गरज तू बोले मैं गुमसुम रहु मैं गुमसुम रहु हो मैं गुमसुम रहु

Written by: Hasrat Jaipuri, Ravindra JainLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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