Badi Mushkil Se Aesi Shaan Aai Hai
Geeta Dutt, Mohammed Rafi
बड़ी मुश्किल से ऐसी शाम आयी है
न चुप रहो मेरे कानो में कुछ कहो
खुश रहो
बड़ी मुश्किल से ऐसी शाम आयी है
न चुप रहो मेरे कानो में कुछ कहो
खुश रहो
ज़रा ढलते हुए सूरज को रोक लो
ज़रा उगते हुए चंदा से यह कहो
ज़रा ढलते हुए सूरज को रोक लो
ज़रा उगते हुए चंदा से यह कहो
के जा रे जा अभी न आ अभी न अपनी रात हो
के जा रे जा अभी न आ अभी न अपनी रात हो
अभी आँखों में आँखे डालनी हसरते निकलनी है
विघ्न न हो
बड़ी मुश्किल से ऐसी शाम आयी है
न चुप रहो मेरे कानो में कुछ कहो
खुश रहो
बड़ी मुश्किल से ऐसी शाम आयी है
न चुप रहो मेरे कानो में कुछ कहो
खुश रहो
बड़े प्यारे सुहाने है रंग श्याम के
कच्चे है नहीं काम के
बड़े प्यारे सुहाने है रंग श्याम के
कच्चे है नहीं काम के
लो शाम की दुल्हन ने किये सबको इशारे
नीचे जो रंग से प्यारे
लो शाम की दुल्हन ने किये सबको इशारे
नीचे जो रंग से प्यारे
यही दुनिया की रीत है
रंग किसका मीत है
इधर चड़ा उधर गया कोई भी हो
बड़ी मुश्किल से ऐसी शाम आयी है
न चुप रहो मेरे कानो में कुछ कहो
खुश रहो
बड़ी मुश्किल से ऐसी शाम आयी है
न चुप रहो मेरे कानो में कुछ कहो
खुश रहो
बड़ी मुश्किल से ऐसी शाम आयी है (बड़ी मुश्किल से ऐसी शाम आयी है )
न चुप रहो मेरे कानो में कुछ कहो (न चुप रहो मेरे कानो में कुछ कहो )
खुश रहो (खुश रहो)
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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