Kaisi Masti Hai

Falguni Pathak

हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा कैसी मस्ती है तन में गीत गूँजे है मन में पल पल छलके ख़ुसी जैसे बलखाए नदी प्रीत बरसे जीवन में कैसी मस्ती है तन में गीत गूँजे है मन में पल पल छलके ख़ुसी जैसे बलखाए नदी प्रीत बरसे जीवन में सा सा रे गा मा सा सा रे गा मा दा मा पा गा नि दा नि सा रे नि सा रे खनके है कंगना दमके है बिंदिया छूउ गयी मुझको पीक नज़रिया चमके अब हर्सू जैसे के जुगनू अब ना दिल पे ज़रा भी काबू क्या नशा चढ़ गया है मुझपे ये ज़मी लग रही है जैसे आसमान सा सा रे गा मा सा सा रे गा मा दा मा पा गा नि दा नि सा रे नि सा रे मेहँदी की खुसबू करती है जादू रंगो में बस गये सावरिया मुझको है बाँधे इश्क़ के धागे अब है आलम इस दिल का जैसे मेरे खवाबों को पर लग गये हर दिशा हो गयी है जैसे ख़ुसनूमा..आ कैसी मस्ती है तन में गीत गूँजे है मन में पल पल छलके ख़ुसी जैसे बलखाए नदी प्रीत बरसे जीवन में कैसी मस्ती है तन में गीत गूँजे है मन में पल पल छलके ख़ुसी जैसे बलखाए नदी प्रीत बरसे जीवन में सा सा रे गा मा सा सा रे गा मा दा मा पा गा नि दा नि सा रे नि सा रे

Written by: SHYAMRAJ, SUNNY SUBRAMANIANLyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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