Darasal
Deep Joshi, Adil On The Beat
तुम तो दरअसल ख्वाब की बात हो
चलती मेरे ख़यालों में
तुम साथ साथ हो
मिलती है जो अचानक वो सौगात हो
तुम तो दरअसल मीठी सी प्यास हो
लगता है यह हमेशा के
तुम आस पास हो
ठहरा है जो लबों पे वो एहसास हो
तेरी अड़ह-अड़ह पे मरता में
वफ़ा-वफ़ा सी करता क्यूँ
हदों से यूँ गुज़रता में
ज़रा ज़रा ज़रा
तुम तो दरअसल साँसों का साज़ हो
दिल में मेरे च्छूपा जो वही राज़ राज़ हो
कल भी मेरा तुम ही हो मेरा आज हो
कल भी मेरा तुम ही हो मेरा आज हो
बारिश का पानी हो तुम
काग़ज़ की कश्ती हूँ मैं
तुझमे कही मैं बह जाता हूँ
हो.. मिलने हूँ तुमसे आता
वापस नहीं जेया पता
तोड़ा वही मैं रह जाता हूँ
तू तो दरअसल एक नया नूर हो
मुझ मैं की जरा सी दुरी
जैसी भी हो हमेशा ही हमेशा मंजूर हो
जैसी भी हो हमेशा ही हमेशा मंजूर हो
होता है ऐसा अक्सर
दिल यह किसी को दे कर
लगता हस्सी है सारा शहर
हो हो अब देखते रहो पर
ऐसा असर है मुझ पर
हस्ता रहूँ मैं दुपहरे
हो.. तुम तो दरअसल इश्क़ हो, प्यार हो
आती मेरे फसनो में तुम बार बार हो
इनकार में जो च्छूपा है वो इकरार हो
इनकार में जो च्छूपा है वो इकरार हो
इनकार में जो च्छूपा है वो इकरार हो
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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