Zindagi Do Roz Ki

Deeksha Toor

ज़िंदगी यह कितने रंग दिखाए छोटी छोटी बूँदें पीना सीखाए ज़िंदगी यह कितने रंग दिखाए छोटी छोटी बूँदें पीना सीखाए दो चार साँसे जी ले खुद की दो चार तुझपे वार जाए ना कर अगर मगर सारे लम्हें जीले ना कर अगर मगर सारे लम्हें जीले ना कर अगर मगर सारे लम्हें जीले ना कर अगर मगर सारे लम्हें जीले है ज़िंदगी दो रूज़ की है ज़िंदगी दो रूज़ की क्या सूचना क्या देखना भर्लें बाहों में खुशयान सभी जो आज है वही ख़ास है कल हो ना हो है जो अभी खोया खोया सा है आजकल हुवा क्या बताता भी नही दिल किसी के लिए उड़ता फिरे समझ मे कभी आता नही ना कर अगर मगर सारे लम्हें जीले ना कर अगर मगर सारे लम्हें जीले ना कर अगर मगर सारे लम्हें जीले ना कर अगर मगर सारे लम्हें जीले है ज़िंदगी दो रूज़ की है ज़िंदगी दो रूज़ की चलती रहें यह मस्तियाँ इन लम्हों के ना हो शामें कभी जो दिल करे वो ही करें आराम लें ना यह सासें कभी जहा चाहे जाना यह कदम राहें वही मूड लेंगे चाहा रखना जो बाँधके पिंजरे वो तोड़ देंगे ना कर अगर मगर सारे लम्हें जीले ना कर अगर मगर सारे लम्हें जीले ना कर अगर मगर सारे लम्हें जीले ना कर अगर मगर सारे लम्हें जीले है ज़िंदगी दो रूज़ की है ज़िंदगी दो रूज़ की

Written by: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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