तुम्हें जितना याद करता हूँ
मैं उतना रोज़ मरता हूँ
तुमने दिए जो ग़म सारे
उनके सहारे जीता हूँ
जिसको ख़ुदा था बनाया
सर जिसके आगे झुकाया
उसने ही तोड़ा मेरा दिल
और देके मुझको गया
ये जुदाइयाँ वे, ये जुदाइयाँ वे
ये जुदाइयाँ वे, ये जुदाइयाँ वे
कर लूँ मैं कैसे यक़ीं तू मेरे पास है ही नहीं
अभी तो कल ही आया था तू ख़ाबों में
याद आती है जब तेरी, साँस रुक जाती है मेरी
रोज़ मरता हूँ ऐसे मैं ख़ुद में ही
बस इतनी सी ही दुआ है
मुझे इश्क़ में जो मिला है
दुश्मन को भी ना मिले ऐसी सज़ा
ये जुदाइयाँ वे, ये जुदाइयाँ वे
ये जुदाइयाँ वे, ये जुदाइयाँ
ये जुदाइयाँ, ये जुदाइयाँ, ये जुदाइयाँ
ये जुदाइयाँ, ये जुदाइयाँ, ये जुदाइयाँ
ये जुदाइयाँ वे
Written by: रश्मि विरागLyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Songtrust AveLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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