Kaal Kaal

Dino James, Brijesh Shandilya

आओ रे आओ रे काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा वो काल काल, काल काल है काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा वो काल काल, काल काल है गोल गोल दुनिया में गोल गोल सदियों से चल रही वो एक ही मशाल है काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा (काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा) वो काल काल, काल काल है (वो काल काल, काल काल है) काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा (काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा) वो काल काल, काल काल है (वो काल काल, काल काल है) आदमी तो बंदर सा बनके पर सिकंदर सा आदमी तो बंदर सा, बनके पर सिकंदर सा नीतियों का दंभ रोज़ भरता है पल में एक पीढ़ी है उम्र एक सीढ़ी है चढ़ता रोज़ रोज़ ही फिसलता है पर अहम में जीता है किस वहाँ में जीता है रक्त में क्यूँ उसके ये उबाल है काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा (काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा) वो काल काल, काल काल है (वो काल काल, काल काल है) काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा (काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा) वो काल काल, काल काल है (वो काल काल, काल काल है) आओ रे आओ रे ख़त्म ना होती है तेरी ये लालसा जाने का समय तू भले है टालता करेगा क्या मुरझाती इस खाल का बस में ना है सब खेल है काल का साया है काल का सारे ब्रम्‍हांड में तीर विनाश का उसके कमान में देता वो भर है साँसें वो प्राण में प्रत्यक्ष खड़ा है उसके प्रमाण में वो अजर है, वो अमर है वो अनादि अंत है ग्रंथ सारे, धर्म सारे उसका ही षड़यंत्र है गाड़ा है छातियों में समय का शूल है उसको भूलना, भूल है, भूल है सब इसी के मारे है सब इसी से हारे है इसको जीत ले वो महाकाल है काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा (काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा) वो काल काल, काल काल है (वो काल काल, काल काल है) काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा (काल काल, काल काल, जो सपाट चल रहा) वो काल काल, काल काल है (वो काल काल, काल काल है)

Written by: Saurabh JainLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC, Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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