Zara Zara LOFI X Chill

Lo-fi 2307, Bombay Jayashri

यूँ ही बरस बरस काली घटा बरसे हम यार भीग जाएँ इस चाहत की बारिश में मेरी खुली खुली लटों को सुलझाए तू अपनी उँगलियों से मैं तो हूँ इसी ख्वाहिश में सर्दी की रातों में हम सोये रहें एक चादर में हम दोनों तन्हाँ हो ना कोई भी रहे इस घर में ज़रा ज़रा बहकता है, महकता है आज तो मेरा तनबदन मैं प्यासी हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में आजा रे आ रे तड़पाएँ मुझे तेरी सभी बातें एक बार ऐ दीवाने झूठा ही सही प्यार तो कर मैं भूली नहीं हसीं मुलाकातें बैचेन कर के मुझको मुझसे यूँ ना फेर नज़र रूठेगा ना मुझसे मेरे साथिया ये वादा कर तेरे बिना मुश्किल है जीना मेरा मेरे दिलबर ज़रा ज़रा बहकता है महकता है आज तो मेरा तन बदन मैं प्यासी हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में है मेरी कसम तुझको सनम दूर कहीं ना जा ये दूरी कहती है पास मेरे आजा रे

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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