Zindagi Hai Ki Badalta Mausam
Bhupinder
आ आ आ आ आ ओ हो आ आ आ
जिंदगी है के बदलता मौसम
जिंदगी है के बदलता मौसम
हर नई रुत मे नये फूल खिले
हर नई रुत मे नये फूल खिले
बेवफ़ाई नही आदत अपनी
बेवफ़ाई नही आदत अपनी
जब तलक़ जिससे मिले दिल से मिले
जब तलक़ जिससे मिले दिल से मिले
हर सफ़र ऐसे चमन मे हो हवाए जैसे
रूह से रूह मिले और बदन खो जाए
इससे पहले की तहल्लुक मे तलकी शामिल
चलते चलते किसी रास्ते से जुदा हो जाए
जिंदगी है के बदलता मौसम
हर नई रुत मे नये फूल खिले
बेवफ़ाई नही आदत अपनी
जब तलक़ जिससे मिले दिल से मिले
आ आ आ आ आ ओ हो आ आ आ
जीतने दिन पास रहे पास रहे यू हम तुम
रोज मिलकर भी ना मिलने की कसक साथ रहे
और जब मिलके जुदा हो तो जुदा हो ऐसे
दूर होने पे भी यादो की महक साथ रहे
जिंदगी है के बदलता मौसम
हर नई रुत मे नये फूल खिले
बेवफ़ाई नही आदत अपनी
जब तलक़ जिससे मिले दिल से मिले
जिंदगी चाँद भी हे फूल भी हे जाम भी हे
हर नया खवाब सजे एक नया रिश्ता बनकर
आदमी की तरह हर रंग में जीना सीखो
कों जीता है मेरी जान फरिश्ता बनकर
जिंदगी है के बदलता मौसम
हर नई रुत मे नये फूल खिले
बेवफ़ाई नही आदत अपनी
जब तलक़ जिससे मिले दिल से मिले
जब तलक़ जिससे मिले दिल से मिले
जब तलक़ जिससे मिले दिल से मिले
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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