Ishq Main Jalte Rahe

Bhupinder Singh

इश्क़ मैं जलते रहे कल जो चरागो की तराह इश्क़ मैं जलते रहे कल जो चरागो की तराह ज़िंदगी उनकी है मंज़िल के सुरागो की तराह इश्क़ मैं जलते रहे कल जो चरागो की तराह इश्क़ मैं जलते रहे अश्क़ आँखों में चमकते है सितारे बनकर अश्क़ आँखों में चमकते है सितारे बनकर और झाम जाते है और झाम जाते है पलकों पे ये दागो की तराह इश्क़ मैं जलते रहे मैं भी एक ताज महल अपना बनौँगा कभी मैं भी एक ताज महल मैं भी एक ताज महल अपना बनौँगा कभी सोचता रहता हूँ सोचता रहता हूँ शाहो के दिमाग़ो की तराह इश्क़ मैं जलते रहे उसने टानिस्ता अंधेरो में मुझे रखा हैं हामिद उसने टानिस्ता अंधेरो में मुझे रखा हैं हामिद मैं भी जलता रहा जलता रहा मैं भी जलता रहा हसरत से चरागो की तराह इश्क़ मैं जलते रहे कल जो चरागो की तराह इश्क़ मैं जलते रहे

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