Neel Samandar

बेनी दयाल

नील समंदर उठता है दिल दे अन्दर वे भूल जवां खुद नु जदों वेखा तेरा मंज़र वे तक्क दा रवां मैं वो कलियाँ जिथे रहन्दी तू पर तू तां बैठी है मेरे दिल दे अन्दर वे कुड़ी देखी ऐसी जो हिरनी के जैसी वो तुर्रदी सी फिरदी हवाओं जी रे झलक उसकी ऐसी हो परियों के जैसी हुए गुम मैं नापदा फिरूँ गुलाबी नज़र गजब कर गयी शराबी नज़र असर कर गयी गुलाबी नज़र गजब कर गयी शराबी नज़र असर कर गयी ओ ओ ओ ओओ ओओ ओओ ओओ ओओ ओओ ओ गुलाबी नज़र गजब कर गयी शराबी नज़र असर कर गयी तेरी गल्लां सुनके मैं तितली बनके उड़ दी आं जितना मैं रोकां बस तेरी और ही खिंचदी आं जान दी आं मैं शरारतां तेरे दिलदी आं पीना चाहे तू मेरे होंठो की नमकीनियाँ है दिल दी गुज़ारिश मैं करदा सिफारिश की हुण दा तू बनजा मेरी रानी ऐ शहर हो या सब में के अब हो या तब में रहे मेरे ही नाल तू गुलाबी नज़र गजब कर गयी शराबी नज़र असर कर गयी गुलाबी नज़र गजब कर गयी शराबी नज़र असर कर गयी एह ओह ओ जिथे मैं जवां बस तुही तू मैनू दिखदी ऐ ऐसा लग्दा ऐ मरी नाल नाल तू फिरदी ऐ मन करदा मेरा बाहों में तुझको भर लूं आज जो करना चाहूँ बस तेरे नाल ही कर लूं आज गुलाबी नज़र गजब कर गयी हो ओह ओ शराबी नज़र असर कर गयी ये

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

Create your own version of your favorite music.

Sing now

Kanto is available on:

google-playapp-storehuawei-store

Related songs