Chal Kahi Chale Sajna
Bela Sulakhe, Suresh Wadkar
आ हाँ आ हाँ
आ हाँ आ हाँ आ हाँ आ हाँ आ हाँ
चल कहीं चलें सजना
प्यार यहाँ करना हैं मना
चल कहीं चलें सजना
प्यार यहाँ करना हैं मना
बस्ती में कोई घर हो दुनिया का ना कोई डर हो
सच हो गया तेरा मेरा सपना
आ हाँ आ हाँ आ
आ हाँ आ हाँ आ हाँ आ हाँ आ हाँ
चल कहीं चलें सजना
प्यार यहाँ करना हैं मना
चल कहीं चलें सजना
प्यार यहाँ करना हैं मना
बस्ती में कोई घर हो
दुनिया का ना कोई डर हो
सच हो गया तेरा मेरा सपना
आ आ हाँ आ आ हाँ आ
आ हाँ आ आ हाँ आ आ हाँ
महकी फ़िज़ाएं हो ठंडी हवाएँ हो
दिलबर की बाहों में दिलबर की बाहें हों
मस्ती लुटाएं निगाहें शराबी
गालों पे बिखरी लबों की गुलाबी
आ हाँ आ हाँ आ हाँ आ हाँ
धरती हो ना अंबर हो नदियाँ हो ना सागर हो
क़ुदरत की हो दिलकश कोई रचना
आ आ हाँ आ आ हाँ आ
आ हाँ आ आ हाँ आ आ हाँ
यादों के मेले हों ख्वाबों के रेले हों
दिल की पनाहों में हम तुम अकेले हो
अपने ख्यालो की दुनिया बसाये
सारे ज़माने के गम को भुलाये
आ आ आ आ आ आ आ
जन्नत से भी सुंदर हो सबसे हँसी मंज़र हो
ना गैर हो कोई न हो अपना
आ आ हाँ आ आ हाँ आ
आ हाँ आ आ हाँ आ आ हाँ
चल कहीं चलें सजना
प्यार यहाँ करना हैं मना
चल कहीं चलें सजना
प्यार यहाँ करना हैं मना
बस्ती में कोई घर हो
दुनिया का ना कोई डर हो
सच हो गया तेरा मेरा सपना
आ हाँ आ हाँ आ हाँ आ हाँ
आ हाँ आ हाँ आ हाँ आ हाँ
Written by: MUHAMMAD IRFANLyrics © Royalty Network, Songtrust AveLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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