Malang
Atom Swag, Ved Sharma
क़ाफ़िरा तो चल दिया इस सफ़र के संग
क़ाफ़िरा तो चल दिया इस सफ़र के संग
मंज़िलें ना डोर कोई, लेके अपना रंग
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
मैं मलंग, हाय रे
है नसीबों में सफ़र तो मैं कहीं भी क्यूँ रुकूँ? ओ
है नसीबों में सफ़र तो मैं कहीं भी क्यूँ रुकूँ?
छोड़ के आया किनारे, बह सकूँ जितना बहूँ
दिन गुज़रते ही रहे यूँ ही बेमौसम
रास्ते थम जाएँ, पर रुक ना पाएँ हम
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
मैं मलंग, हाय रे
रू-ब-रू खुद से हुआ हूँ, मुझमें मुझको तू मिला, हो
रू-ब-रू खुद से हुआ हूँ, मुझमें मुझको तू मिला
बादलों के इस जहाँ में आसमाँ तुझमें मिला
पिघली है अब रात भी, है सहर भी ये नम
ना खुदा मैं तो रहा, बन गया तू धरम
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
रहूँ मैं मलंग, मलंग, मलंग
मैं मलंग, हाय रे
Written by: Harsh Limbachiya, Kunaal VermaaLyrics © T-SeriesLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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