Prabhuji Mere Avgun Chit Na Dharo

Kalyanji Anandji, अशोक कुमार

प्रभु जी मेरे अवगुण चित ना धरो प्रभु जी मेरे अवगुण चित ना धरो संदरसी है नाम तुम्हारो संदरसी है नाम तुम्हारो नाम की लाज करो प्रभु जी मेरे अवगुण चित ना धरो प्रभु जी मेरे अवगुण चित ना धरो एक नदी एक नाला कहाए माइलो ही नीर भरो एक नदी एक नाला कहाए माइलो ही नीर भरो गंगा मे मिल कर दोनो का गंगा नाम पारो प्रभु जी मेरे अवगुण चित ना धरो प्रभु जी मेरे अवगुण चित ना धरो पंक और कालिया दोनों से मधुवन रहे भरो पंक और कालिया दोनों से मधुवन रहे भरो माली एक सामन ही सींचे कर दे सब को हरो प्रभु जी मेरे अवगुण चित ना धरो प्रभु जी मेरे अवगुण चित ना धरो प्रभु जी मेरे अवगुण चित ना धरो मदिरा पिए छ्चोड़ गंगाजल मदिरा पिए छ्चोड़ गंगाजल मन मेरो बिगरो, हो गुरु जी मन मेरो बिगरो सुर श्याम की कृपा बिना सुर श्याम की कृपा बिना कोई जाग मे ना सुधरो ना सुधरो, ना सुधरो प्रभु जी मेरे अवगुण चित ना धरो प्रभु जी मेरे अवगुण चित ना धरो प्रभु जी मेरे अवगुण चित ना धरो प्रभु जी मेरे अवगुण चित ना धरो

Written by: ANANDJI V SHAH, INDEEWAR, KALYANJI VIRJI SHAHLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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