Chehra Chhupa Liya Hai Kisi Ne
सलमा अघ, Asha Bhosle, महेंद्र कपूर
चेहरा छुपा लिया है
किसी ने हिजाब में
चेहरा छुपा लिया है
किसी ने हिजाब में
चेहरा छुपा लिया है
किसी ने हिजाब में
अरे जी चाहता है आग
लगा दू नकाब में
जी चाहता है आग
लगा दू नकाब में
आ आ आ आ
बिजली थी इक जो हमने
छुपा ली नकाब में
अरे लग जाती वर्ण आग
तुम्हारे शबाब में
अरे लग जाती वरना आग
तुम्हारे शबाब में
हम हुस्न के परवाने
जलने से न डरते
हम हुस्न के परवाने
जलने से न डरते
अंजामे मोहब्बत की
परवाह नहीं करते
अंजामे मोहब्बत की
परवाह नहीं करते
इक बार ही देते हैं
दिल अपना हसीनो को
इक बार ही मरते हैं
सौ बार नहीं मरते
इक बार ही मरते हैं
सौ बार नहीं मरते
परवाने से पहले जली
और परवाने के साथ जली
वह तोह जाला बस पल दो पल
शामा तोह सारी रात जलि
एक परवाना जल
किस कदर शोर मचा
श्यामा चुप चाप जलि
लब पे शिकवा ना गिला
क्या है जलने का मजा
हुस्न से पूछो जरा
क्योंके
परवाने को जल जाना
हमने ही सिखाया है
परवाने को जल जाना
हमने ही सिखाया है
वह तब ही जला हमने
जब खुद को जलाया है
वह तब ही जला हमने
जब खुद को जलाया है
आशिक की जान इश्क में
जाने से पेशकार
अरे खुद हुस्न डूबता है
वफ़ा के चनाब में
खुद हुस्न डूबता है
वफ़ा के चनाब में
चेहरा छुपा लिया है
किसी ने हिजाब में
गर हुस्न नहीं होता
यह इश्क कहा होता
गर हुस्न नहीं होता
यह इश्क कहा होता
फिर किस से वफ़ा करते
फिर किस का बया होता
फिर किस से वफ़ा करते
फिर किस का बया होता
तकरार से क्या हासिल
कुछ भी ना हुवा होता
तकरार से क्या हासिल
कुछ भी ना हुवा होता
तकरार से क्या हासिल
कुछ भी ना हुवा होता
गर तुम ना हसीं होते
गर मै ना जवान होता
गर तुम ना हसीं होते
गर मै ना जवान होता
आ आ आ आ आ
जिस रोज से इस हुस्न
का दीदार किया है
बस प्यार किया प्यार
किया प्यार किया है
यह झूठ है के तुमने
हमें प्यार किया है
हमने तुम्हे जुल्फो
में गिरफ्तार किया है
हमने तुम्हे जुल्फो
में गिरफ्तार किया है
तुम हुस्न हो हम इश्क़ हैं
गर तुम तुम नहीं तोह हम नहीं
है बात सच्ची बस यही
कोई किसी से कम नहीं
है बात सच्ची बस यही
कोई किसी से कम नहीं
एक नग़मा है एक राग है
दोनों तरफ एक आग है
तुम से हमें शिकवा भी है
फिर भी तुम्ही से प्यार है
तुम बिन हमें कब चैन
हमको भी यह इक़रार है
देखे तोह होश गुम हो
ना देखे तोह होश गुम
यह फँस गयी है जान मेरी
किस अदब में
फँस गयी है जान मेरी
किस अदब में
चेहरा छुपा लिया है
किसी ने हिजाब में
ओ बिजली थी इक जो हमने
छुपा ली नकाब में
अरे लग जाती वर्ण आग
तुम्हारे शबाब में
लग जाती वर्ण आग तुम्हारे
शबाब में
चेहरा छुपा लिया है
किसी ने हिजाब में
लग जाती वर्ण आग तुम्हारे
शबाब में
लग जाती वर्ण आग तुम्हारे
शबाब में
आ आ आ आ
Written by: Kamaal Hasan, RaviLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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