Jab Ishq Kahin Ho Jata Hai
मुबारक बेगम, Asha Bhosale
हा हा हा हा हा हा हा हा हा
आदाब अर्ज है आदाब अर्ज है
तस्लीम तस्लीम
जब इश्क़ कहीं हो जाता है तब ऐसी हालत होती है
महफ़िल में जी घबराता है तन्हाई की आदत होती है
जब इश्क़ कहीं हो जाता है तब ऐसी हालत होती है
महफ़िल में जी घबराता है तन्हाई की आदत होती है
जब इश्क़ कहीं हो जाता है
आ आ आ आ
ये इश्क़ छुपाये छुप न सका ये इश्क़ वो चलता जादू है
हाय कुछ होश नहीं रहते कायम इस इश्क़ पे किसका काबू है
आ आ आ आ
हे इश्क़ में पेचो हम इतने गोया महबूब का गेसू है
हर ज़ानिब फैलती जाती है इस इश्क़ की ऐसी खुशबू है
चेहरे पे हया हो जाती है क्या चीज़ मोहब्बत होती है
महफ़िल में जी घबराता है तन्हाई की आदत होती है
जब इश्क़ कहीं हो जाता है तब ऐसी हालत होती है (हो)
महफ़िल में जी घबराता है तन्हाई की आदत होती है
जब इश्क़ कहीं हो जाता है
अव्वल तो कभी नींद आती नहीं आती हैं तो ख्वाब सताते हैं
डसती है जुदाई की घड़ियाँ तन्हाई के दिन तड़पाते है
आ आ आ आ
घुटता है गला रुकता है दम आंसू के दिए थर्राते हैं
सपनो में वो मिलने आते है गम देके चले भी जाते हैं
हर रोज़ ये मेले होते हैं हर रोज़ क़यामत होती है
महफ़िल में जी घबराता है तन्हाई की आदत होती है
जब इश्क़ कहीं हो जाता है तब ऐसी हालत होती है (हो)
महफ़िल में जी घबराता है तन्हाई की आदत होती है
जब इश्क़ कहीं हो जाता है
आ आ आ आ
आँखों में है लाखों अफ़साने खामोश है लब वो मंजिल है
हर सांस में लाखों तूफान हैं तूफान में दिल का साहिल है
आ आ आ आ
अरमान मचलते रहते हैं ये दर्द बड़ा ही कातिल है
रोके से क़यामत रुक जाए पर रोकना भी कम मुश्किल है
दिलदार की प्यासी आँखों को दीदार की हसरत होती है
महफ़िल में जी घबराता है तन्हाई की आदत होती है
जब इश्क़ कहीं हो जाता है तब ऐसी हालत होती है (हो)
महफ़िल में जी घबराता है तन्हाई की आदत होती है
जब इश्क़ कहीं हो जाता है
Written by: JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRATLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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