Tur Kalleyan

Arijit Singh, Altamash Faridi, Shadab Faridi

लम्हों में आये लम्हों में गुम मेरे हुए हो हिस्सों में तुम है ज़िंदगी के किस्से कई मिलते हो सारे किस्सों में तुम तू आपे सवाली है आपे ही पयम्बर है तू खुद है तमाशा भी आपे ही कलंदर है बेकार तलाशे तू दरगाह में शिवालों में जिस यार को तू ढूंढें वो तेरे ही अंदर है बनी हिज्र में रातां अंगीठियां बता कोयले वर्गा जल-भून कर तैनू की मिलिया तुर कल्लेयां वे छल्ला चल वे तुर कल्लेयां छड़ रंज दियां गलियां चल वे तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां वे छल्ला चल वे तुर कल्लेयां छड़ रंज दियां गलियां चल वे तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां हो लिख ले इस बात को सच्चा दिलदार तो वही है जो दिलबर को आज़ाद कर सके जिसके हाथों हुआ दिल चकना चूर हो उसी यार को सजदे में याद कर सके हो लिख ले इस बात को सच्चा दिलदार तो वही है जो दिलबर को आज़ाद कर सके हो जिसके हाथों हुआ दिल चकना चूर हो उसी यार को सजदे में याद कर सके ऐसे शख्स के आंसू की बूँद से बियाबान बंज़र से रेगिस्तान में भी गुल्ल खिलेया तुर कल्लेयां वे छल्ला चल वे तुर कल्लेयां छड़ रंज दियां गलियां चल वे तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां वे छल्ला चल वे तुर कल्लेयां छड़ रंज दियां गलियां चल वे तुर कल्लेयां इश्क़ है तेरा मस्ताना हर फ़िक्र से बेहिस बेगाना तू पाक परिंदा परवाज़ी चल तोड़ के पिंजरे उड़ जाना जिस ओर ज़मीन से अम्बर मिलिया सुर्ख शफक सूरज ढलेया वहीँ यार फकीरे मंज़िल तेरी छड़ जग नु चल तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां वे छल्ला चल वे तुर कल्लेयां छड़ रंज दियां गलियां चल वे तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां वे छल्ला चल वे तुर कल्लेयां छड़ रंज दियां गलियां चल वे तुर कल्लेयां

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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