Phir Kabhi

Arijit Singh

ये लम्हा जो ठहरा है मेरा है ये तेरा है ये लम्हा मैं जी लूं ज़रा तुझमें खोया रहूँ मैं मुझ में खोयी रहे तू खुदको ढूंढ लेंगे फिर कभी तुझसे मिलता रहूँ मैं मुझसे मिलती रहे तू ख़ुद से हम मिलेंगे फिर कभी हाँ फिर कभी आ आ आ आ आ आ क्यूँ बेवजह गुनगुनाएं क्यूँ बेवजह मुस्कुराएं पलकें चमकने लगी है अब ख्वाब कैसे छुपायें बहकी सी बातें कर लें हंस हंस के आँखें भर लें ये बेहोशियाँ फिर कहाँ तुझमें खोया रहूँ मैं मुझमें खोयी रहे तू ख़ुद दो ढूंढ लेंगे फिर कभी तुझसे मिलता रहूँ मैं मुझसे मिलती रहे तू ख़ुद से हम मिलेंगे फिर कभी हाँ फिर कभी दिल पे तरस आ रहा है पागल कहीं हो ना जाएँ वो भी मैं सुनने लगा हूँ जो तुम कभी कह ना पाए ये सुबह फिर आएगी ये शामें फिर आएंगी ये नजदीकियां फिर कहाँ तुझमें खोया रहूँ मैं मुझमें खोयी रहे तू ख़ुद दो ढूंढ लेंगे फिर कभी तुझसे मिलता रहूँ मैं मुझसे मिलती रहे तू ख़ुद से हम मिलेंगे फिर कभी हाँ फिर कभी आ आ आ ओ ओ आ आ आ ओ ओ फिर कभी ओ ओ फिर कभी

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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