Sooni Sooni Ghar Ki Angnaai
Anuradha Paudwal
हुमको तो एक रूठा हुआ याद आ गया
तुम क्यू उधस हो तुम्हे
क्या याद आ गया
धार के तालुकात की
आसानियो के बाद
वो मुस्किले पड़ी की
खुदा याद आ गया
सूनी सूनी घर की अँगनाी
बड़ी महँगी पड़ी
सूनी सूनी घर की अँगनाी
बड़ी महँगी पड़ी
सूनी सूनी घर की अँगनाी
बड़ी महँगी पड़ी
सूनी सूनी घर की अँगनाी
बड़ी महँगी पड़ी
हम से तुम हम से तुम बिछड़े
तो तन्हाई बड़ी महँगी पड़ी
सूनी सूनी घर की अँगनाी
बड़ी महँगी पड़ी सूनी सूनी
ख्वाब में देखा था उसको
मैने अपने रब बारू
ख्वाब में देखा था उसको
मैने अपने रब बारू
नींद जब नींद जब टूटी तो
अंगड़ाई बड़ी महगी पड़ी
नींद जब टूटी तो
अंगड़ाई बड़ी महगी पड़ी
सूनी सूनी
कास्तिया दस्त में
तूफान में लंगर डूबे
हम बचे थे तो किनारे
पे पहुच कर डूबे
मई थी एक बूँद नज़र
कैसे मिलती उनसे
ऐसी आँखे थी की
समंदर का समंदर धुबे
जील सी आँखो में डूबे
डूब कर हम मार गये
जील सी आँखो में डूबे
डूब कर हम मार गये
आ मोहब्बत आ मोहब्बत
तेरी गहराई बड़ी महँगी पड़ी
आ मोहब्बत तेरी गहराई
बड़ी महँगी पड़ी सूनी सूनी
सबके सब कैदी परिंदे
फुट कर रोने लगे
सबके सब कैदी परिंदे
फुट कर रोने लगे
जब वाहा जब वाहा
आई तो पुर्वाई बड़ी महँगी पड़ी
जब वाहा आई तो
जब वाहा आई तो
पुर्वाई बड़ी महँगी पड़ी
सूनी सूनी
बेबसी इस कदर सताती है
रूह सिने में कांप जाती है
पूछ उस बदनसीब दुल्हन से
जिसकी बारात लौट जाती है
जहेज के देवे में ले ली
जान एक दुल्हन की फिर
जहेज के देवे में ले ली
जान एक दुल्हन की फिर
खून महंदी खून महंदी
ढोली सहनाई बड़ी महँगी पड़ी
खून महंदी
ढोली सहनाई बड़ी महँगी पड़ी
सूनी सूनी घर की अँगनाी
बड़ी महँगी पड़ी
सूनी सूनी घर की अँगनाी
बड़ी महँगी पड़ी
हम से तुम हम से तुम बिछड़े
तो तन्हाई बड़ी महँगी पड़ी
सूनी सूनी घर की अँगनाी
बड़ी महँगी पड़ी
ओ बड़ी महँगी पड़ी
आ बड़ी महँगी पड़ी
हा बड़ी महँगी पड़ी
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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