Ganga Aarti

संजीव अभयंकर, Anuradha Paudwal

ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता जो नर तुझको ध्याता जो नर तुझको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॐ जय गंगे माता चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता मैया जल निर्मल आता शरण पडें जो तेरी शरण पडें जो तेरी, वो नर तर जाता ॐ जय गंगे माता पुत्र सगर के बारे, सब जग को ज्ञाता मैया सब जग को ज्ञाता कृपा दृष्टि तुम्हारी कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता ॐ जय गंगे माता एक ही बार जो तेरी, शरणागति आता मैया शरणागति आता यम की त्रास मिटा कर यम की त्रास मिटा कर, परमगति पाता ॐ जय गंगे माता आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता मैया जो जन नित्य गाता दास वही सहज में दास वही सहज में, मुक्त्ति को पाता ॐ जय गंगे माता ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता जो नर तुझको ध्याता जो नर तुझको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॐ जय गंगे माता ॐ जय गंगे माता ॐ जय गंगे माता

Written by: PANDIT KEDARLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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