Om Jai Jagdish Hare
Anup Jalota
ओम जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दासजनो के संकट
क्षण में दूर करे
ओम जय जगदीश हरे
जो ध्यावे फल पावे
दुःख बिनसे मन का
स्वामी दुःख बिनसे मन का
सुख सम्पति घर आवे
सुख सम्पति घर आवे
कष्ट मिटे तन का
ओम जय जगदीश हरे
मात पिता तुम मेरे
शरण गहूं में किसकी
स्वामी शरण गहूं में किसकी
तुम बिन और न दूजा
तुम बिन और न दूजा
आस करूं जिसकी
ओम जय जगदीश हरे
तुम पूरण परमात्मा
तुम अन्तर्यामी
स्वामी तुम अन्तर्यामी
पारब्रह्म परमेश्वर
पारब्रह्म परमेश्वर
तुम सब के स्वामी
ओम जय जगदीश हरे
तुम करुणा के सागर
तुम पालनकर्ता
स्वामी तुम पालनकर्ता
मैं मूरख फलकामी
मैं मूरख फलकामी
कृपा करो भर्ता
ओम जय जगदीश हरे
तुम हो एक अगोचर
सबके प्राणपति
स्वामी सबके प्राणपति
किस विधि मिलूं दयामय
किस विधि मिलूं दयामय
तुमको मैं कुमति
ओम जय जगदीश हरे
दीन बन्धु दुःख हर्ता
तुम रक्षक मेरे
स्वामी हम सेवक तेरे
अपने हाथ उठाओ
अपने हाथ उठाओ
द्वार पड़ा तेरे
ओम जय जगदीश हरे
विषय विकार मिटाओ
पाप हरो देवा
स्वामी पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
सन्तन की सेवा
ओम जय जगदीश हरे
श्री जगदीश की आरती जो कोई नर गावे
स्वामी जो कोई नर गावे
कहत शिवानंद स्वामी
कहत शिवानंद स्वामी
सुख संपत्ति पावे
ओम जय जगदीश हरे
ओम जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दासजनो के संकट
क्षण में दूर करे
ओम जय जगदीश हरे
ओम जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
भक्त जनों के संकट
क्षण में दूर करे
ओम जय जगदीश हरे
ओम जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
भक्त जनों के संकट
क्षण में दूर करे
ओम जय जगदीश हरे
Written by: Anu Malik, IndeevarLyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Royalty Network, Sentric MusicLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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