Phir Se

अमृता फडणवीस

फिर से खिड़की पे आई है कुछ बारिशें हो हो धीरे से लाए है संग ख्वाहिशें फिर से फिर से मौसम ने बेरादा ली करवटे हो हो पानी मे लहरों की बड़ी हरकतें फिर से फिर से कुछ आहट सी जब होती है घबराहट सी फिर होती है बिन बात की सिरहन सी कुछ होती है क्या मिलेगी इस दिल को नयी मंज़िले हो हो क्या सजेंगी दोबारा वही महफिले फिर से फिर से फिर से फिर से सपनो में किसी से मिलती हूँ फिर देर से सो के उठती हूँ दिन भर यूँही कुछ सोचती रहती हूँ ये हवाें लाई है कुछ ख्वाहिशे हो हो बढ़ती सी जेया रही है मेरी हसरतें फिर से फिर से फिर से (फिर से फिर से फिर से) फिर से फिर से फिर से फिर से

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