Mahi Tu Dil Rahi

अमित मिश्रा

हर दुआ में सामिल हुआ कोई पहली बार सजदों का असर है वही रूह की पुकार हर दुआ में सामिल हुआ कोई पहली बार सजदों का असर है वही रूह की पुकार तेरा है मिलना ख्वाब के जैसा सवालो के जवाब के जैसा मेरी ख्वाहिशों का दीदार भी तू माहि तू दिल राही तू आशिकी की सच्ची गवाही तू माहि तू दिल राही तू आशिकी की सच्ची गावहि तू माहि तू दिल राही तू आशिकी की सच्ची गावहि तू महि माहि महि माहि महि माहि महि माहि तुझसे ही जुडी है मेरी साड़ी मंज़िले तेरी और जाते मेरे सारे रास्ते हर सुबह तुझी से रात तुझसे रोशन मैं जी रहा हूँ बस तेरे ही वास्ते होना ज़िकर फ़िक्र का फिर कोई बाकी रहे न फिर शिखर कोई मेरी हर ख़ुशी का करार भी तू माहि तू दिल राही तू आशिकी की सच्ची गवाही तू माहि तू दिल राही तू आशिकी की सच्ची गवाही तू माहि तू दिल राही तू आशिकी की सच्ची गवाही तू माही माही माही माही माही माही माही माही माही सुनु नाम मेरा बस तेरी जुबां से बस तेरी करीबी चहुँ हर जहां में जीने की वजह की हर वजह तुझी से चहुँ तुझको ज्यादा अपनी ज़िन्दगी से चहुँ तुझे तुझे मैं खुद से भी ज्यादा तेरे बिना हूँ रूह से आधा मेरा मजहब मेरा ईमान भी तू माहि तू दिल राही तू आशिकी की सच्ची गवाही तू माहि तू दिल राही तूआशिकी की सच्ची गवाही तू माहि तू दिल राही तूआशिकी की सच्ची गवाही तू माहि माही माही माही माही माही माही माही माही माही माही

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