Main To Hoon Pagal

Shahrukh Khan, Abhijeet

हु हु हा हा हा हा ही हा हा हा हा हा हा हा हा The amalgamation before the fluctuation And ramification of the constitutional ambiguity And the judicial paradoxical position can be a verbal turmoil He's right मै तो हूँ पागल ये कहूं हर पल मै तो हूँ पागल ये कहूं हर पल कर कोई हलचल होने दे, होने दे होने दे, होने दे, होने दे कोई दीवानगी मै तो हूँ पागल ये कहूं हर पल कर कोई हलचल होने दे, होने दे होने दे, होने दे, होने दे कोई दीवानगी अमा मियाँ, साला रे Jamad Misra, Abdulah की नगमा संजी में मसरूब वो मशगुल है दवाक्ते के दी गये अस्रावे Jamad Misra असरानी के बकिया अरकान की अदा फार्म रहे हैं अये ये क्या ग़ालिब की ग़ज़ल है रेत में तैरना सीख ले और समुन्दर के ऊपर टहल बीन भैसों के आगे बजा और हवा में बना ले महल रेत में तैरना सीख ले और समुन्दर के ऊपर टहल बीन भैसों के आगे बजा और हवा में बना ले महल Suit लोहे का सिलवा ले तू और पैरों पे चश्मा लगा हाथ में बाँध ले वो घड़ी जिस में हो साढ़े तेरा बजा अये मै तो हूँ पागल ये कहूं हर पल कर कोई हलचल होने दे, होने दे होने दे, होने दे, होने दे कोई दीवानगी एक पके माली के पात्र में दुग्द शर्करा युक्त गरा कन्द्रा उपजीत उशन प्रधान हो तो काग शेष्ट जा बको ना ध्यानमरस्मान निद्रा अवश्य प्राप्त हो सकते है, नमस्कार मैंने दूरदर्शन में सुना है पेड़ से तोड़ ले मछलियाँ बिल्लियों को तू गाना सिखा चाँद को कर दे चौकोर तू और सूरज तिकोना बना पेड़ से तोड़ ले मछलियाँ बिल्लियों को तू गाना सिखा चाँद को कर दे चौकोर तू और सूरज तिकोना बना ओ, बिना पहिये की गाडी में चल भूल जा अपने घर का पता लेके हाथी को मुट्ठी में तू Cabaret देख ले ऊँट का अये मै तो हूँ पागल ये कहूं हर पल कर कोई हलचल होने दे, होने दे होने दे, होने दे, होने दे कोई दीवानगी हा हा हा हा

Written by: ANU MALIK, JAVED AKHTARLyrics © Royalty Network, Sentric MusicLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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