Hum Hai Kahan
साधना सरगम, अभिजीत भट्टाचार्य
(ह्म ह्म ह्म ह्म आहा आह आह आह )हम है कहाँ
क्या पता क्या खबर
जागेंगे हम
आज तो रात भर
अब तो हमे जीना नहीं
साथी तेरे बिना
हम है कहाँ
क्या पता क्या खबर
जागेंगे हम
आज तो रात भर
अब तो हमे जीना नहीं
साथी तेरे बिना
हम है कहाँ
क्या पता क्या खबर
ठंडी हवाएं
मौसम सुहाना
होने लगा है
दिल भी दीवाना
हा ठंडी हवाएं
मौसम सुहाना
होने लगा है
दिल भी दीवाना
कहना है जो कैसे कहूँ
तुझसे जुदा कैसे राहु
बहके कदम बहके समां
प्यार अपना जवा
हम है कहाँ
क्या पता क्या खबर
जागेंगे हम
आज तो रात भर
हम है कहाँ
क्या पता क्या खबर
कोई नहीं है हम है अकेले
चारो तरफ है
खुशियों के मेले
कोई नहीं है हम है अकेले
चारो तरफ है
खुशियों के मेले
सपने नए सजने लगे
नगमे नए बजने लगे
मैंने कही तूने सुनि
इश्क़ की दास्ताँ
हम है कहाँ
क्या पता क्या खबर
जागेंगे हम
आज तो रात भर
अब तो हमे जीना नहीं
साथी तेरे बिना
हम है कहाँ
क्या पता क्या खबर
जागेंगे हम
आज तो रात भर (ह्म ह्म ह्म ह्म आहा आह आह आह ह्म ह्म ह्म ह्म )
Written by: RAVINDRA JAIN, SAMEER LALJI ANJAANLyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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