Mera Aasmaan Jal Gaya

Arijit Singh, A.R. Rahman, Gulzar

मेरा आसमान जल गया रे चाँद को आग लगी आसमान पे राख ही राख उड़ी है जल गया मेरा आसमान आँखें बहती है जानिया पलकें जलती हैं जीने का पल पल गया जानिया जल गया मेरा आसमान पाओं में वीराना दिल में भी उजाड़ा है जानिया जाए कहाँ दीवाना जल गया मेरा आसमान आधी आधी रात में कभी तुम नींद में बुलाती थी रात जल गयी वो जानिया ख्वाब जल गया रे बादलों से नर्म थे जानिया हाथ जो सहलाते थे आँखों ही से बोलती थी तुम होंठ तो बहलाते थे मेरा आसमान जल गया रे चाँद को आग लगी आसमान पे राख ही राख उड़ी है जल गया मेरा आसमान आग ही आग है मेरी चार दिशाओं में पग पग पड़े हैं छाले अब मेरे पाओं में कौन से जहाँ में अब तुझे जाऊ खोजुं रे मेरे हर जहाँ का निशान जल गया जल गया रे मेरा आसमान जल गया रे चाँद को आग लगी आसमान पे राख ही राख उड़ी है जल गया मेरा आसमान आँखें बहती है जानिया पलकें जलती हैं जीने का पल पल गया जानिया जल गया मेरा आसमान

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