Gadbadi Hadbadi

विशाल डडलानी

गड़बड़ी है हड़बड़ी है धुप जाके अब्ब पड़ी है न समय है न घडी है जाने कैसे जाने निकल पड़ी है गड़बड़ी है हड़बड़ी है धुप जाके अब्ब पड़ी है न समय है न घडी है जाने कैसे जाने निकल पड़ी है रातों में दिन कर दिए है तारों के बिन कर दिए है जगमगाती रोशनी में चाँद सारे कर दिए है माफ़ी लेने माफ़ी देने माफ़ी लेने माफ़ी देने ज़िन्दगी पड़ी है गड़बड़ी है हड़बड़ी है धुप जाके अब्ब पड़ी है न समय है न घडी है जाने कैसे जाने निकल पड़ी है गड़बड़ी है हड़बड़ी है धुप जाके अब्ब पड़ी है न समय है न घडी है जाने कैसे जाने निकल पड़ी है एक आरजे से जैसे सांस थमी थी (सांस थमी थी) खुद न पता था कोई कमीं थी अब्ब जाने न यह धुप यह अब्ब चमके खुब यह चमके चमके खुब यह गड़बड़ी है हड़बड़ी है धुप जाके अब्ब पड़ी है न समय है न घडी है जाने कैसे जाने निकल पड़ी है गड़बड़ी है हड़बड़ी है धुप जाके अब्ब पड़ी है न समय है न घडी है जाने कैसे जाने निकल पड़ी है झूमते हैं झूमरो से घूमते है सरफिरों से बिखरी राहों के हैं रही दस्तखत न या सिहाई जितना भागों उतना खींचे जितना भागों उतना खींचे अरमान हत्कडी है गड़बड़ी है हड़बड़ी है धुप जाके अब्ब पड़ी है न समय है न घडी है जाने कैसे जाने निकल पड़ी है (गड़बड़ी है हड़बड़ी है) ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ गड़बड़ी है हड़बड़ी है धुप जाके अब्ब पड़ी है न समय है न घडी है जाने कैसे जाने निकल पड़ी है

Written by: JAIDEEP SAHNILyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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