O Sahiba

Kavita Krishnamurthy, Udit Narayan

जैसे चाहे नैन किरण को जैसे चाहे साँस पवन को ऐसे मैंने तुझको चाहा हो जैसे चाहे जान बदन को जैसे चाहे दिल धड़कन को ऐसे मैंने तुझको चाहा ओ साहिबा ओ साहिबा ओ साहिबा ओ साहिबा जैसे चाहे नैन किरण को जैसे चाहे साँस पवन को ऐसे मैंने तुझको चाहा हो जैसे चाहे जान बदन को जैसे चाहे दिल धड़कन को ऐसे मैंने तुझको चाहा ओ साहिबा ओ साहिबा ओ साहिबा ओ साहिबा हा कब तक तुम मुझको चाहोगी बोलोजी बोलोजी कब तक तुम मेरी ही रहोगी बोलोजी बोलोजी कब तक तुम मुझको चाहोगी कब तक तुम मेरी ही रहोगी जब तक है चंदा में जो नीर जब तक है सागर में मोती जब तक है सागर में मोती जैसे चाहे सिप को मोती हो जैसे चाहे सिप को मोती जैसे चाहे दीप को ज्योति ऐसे मैंने तुझको चाहा ओ साहिबा ओ साहिबा ओ साहिबा ओ साहिबा अरे कौन हो तुम मैं कैसे जानू बोलोजी बोलोजी वफ़ा करोगे कैसे मानू बोलोजी हा बोलोजी कौन हो तुम मैं कैसे जानू वफ़ा करोगे कैसे मानू मैं दिल हूँ तू धड़कन है तेरे ही दम से जीवन है तेरे ही दम से जीवन है जैसे चाहे साया तन को हो जैसे चाहे साया तन को जैसे चाहे तन जीवन को ऐसे मैंने तुझको चाहा ओ साहिबा ओ साहिबा ओ साहिबा ओ साहिबा जैसे चाहे नैन किरण को जैसे चाहे साँस पवन को ऐसे मैंने तुझको चाहा हो जैसे चाहे जान बदन को जैसे चाहे दिल धड़कन को ऐसे मैंने तुझको चाहा ओ साहिबा ओ साहिबा ओ साहिबा ओ साहिबा ओ साहिबा ओ साहिबा ओ साहिबा ओ साहिबा(ओ साहिबा ओ साहिबा ओ साहिबा ओ साहिबा)

Written by: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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