Kabhi Tanhaiyon Men Ek Aisi Ghadi

तालात महमूद

कभी तन्हाइयों में एक ऐसी भी घड़ी आयी कभी तन्हाइयों में एक ऐसी भी घड़ी आयी बहुत रोने की कोशिश की मगर फिर भी हंसी आयी मज़ा क्या दिल को आता है नजाने बेक़रारी में तड़प उठा ये दीवाना अगर दमभर ख़ुशी आयी तड़प उठा ये दिल दीवाना अगर दमभर ख़ुशी आयी कभी तन्हाइयों में एक ऐसी भी घड़ी आयी कभी बस्ती से गभराके जो वीराने में आ निकले तो बेचैनी भी साये की तरह पीछे चली आयी तो बेचैनी भी साये की तरह पीछे चली आयी कभी तन्हाइयों में एक ऐसी भी घड़ी आयी किसी को भूल जाने का इरादा जो किया मैंने मुझे रह रह के समझाने मेरे दिल की लगी आयी मुझे रह रह के समझाने मेरे दिल की लगी आयी कभी तन्हाइयों में एक ऐसी भी घड़ी आयी

Written by: C Ramchandra, Rajinder KrishnanLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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