Hoton Se Gulfishan

तालात महमूद

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ होंठों से गुल्फ़िशाँ हैं वो होंठों से गुल्फ़िशाँ हैं वो आँखों से अश्क़्बार हम सावन से वो हैं बेखबर सावन से वो हैं बेखबर बेगाना ए बहार हम बेगाना ए बहार हम अर्श की ये बुलन्दियाँ फ़र्श की बस्तियों से है उन क गुरूर देख कर उन क गुरूर देख कर बन गये खाक़्सार हम होंठों से गुल्फ़िशाँ हैं वो परवाना जा के जब गिरा परवाना जा के जब गिरा शोला तो काँप काँप उठा उस पे न कुछ असर हुआ उस पे न कुछ असर हुआ जिस पे हुए निसार हम होंठों से गुल्फ़िशाँ हैं वो पी है किसी की बज़्म में इतनी कि फिर न उठ सके होश ओ हवास कुछ नहीं होश ओ हवास कुछ नहीं कितने हैं होशियार हम होंठों से गुल्फ़िशाँ हैं वो आँखों से अश्क़्बार हम आँखों से अश्क़्बार हम

Written by: Hashmi, Prof Ramzan KhanLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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