Do Din Ki Mohabbat Men Hamne

Talat Mahmood

दो दिन की मोहब्बत में हमने कुछ खोया है कुछ पाया है दो गम के आंसू हमको मिले जीने का चयन गवाया है दो दिन की मोहब्बत में हमने अरमान है जो निकले ही नहीं कुछ आँसू है जो बहे नहीं कुछ ऐसे भी अफ़साने है जो हमने किसी से कहे नहीं कुछ हंसी में बदले है आँसू और अपना दर्द छुपाया है दो दिन की मोहब्बत में हमने ऐ दिल तू हमें तड़पाता था ले हमने रुलाया है तुझको ऐ दिल की लगी तू जलाती थी ले हमने जलाया है तुझको इस दर्द को वो जाने जिसने घर अपना कभी जलाया है दो दिन की मोहब्बत में हमने इस बात पे खुश है दीवाना मेरे जख्म किसी के काम आये इस बात पे खुश है दीवाना मेरे जख्म किसी के काम आये एक रोज नया हम ले बैठे क्या जाने कब ाराम आये ऐ दिल इतना बेताब न हो जब गम को गले लगाया है दो दिन की मोहब्बत में हमने

Written by: Kaif Irfani, Madan MohanLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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