Dhadkan Zara Ruk Gayee Hai
सुरेश वाडकर
धड़कन ज़रा रुक गयी है
कही ज़िंदगी बह रही है
धड़कन ज़रा रुक गयी है
कही ज़िंदगी बह रही है
पलको मे यादो की डॉली
भीतर खुशी हास रही है
यह खुशी तुम हो
तुम ही तुम मेरी जानम करू ऐतबार
धड़कन ज़रा रुक गयी है
कही ज़िंदगी बह रही है
चेहरो के मेले में चेहरे थे गुम
एक चेहरा था मैं एक चेहरा थे तुम
चेहरो के मेले में चेहरे थे गुम
एक चेहरा था मैं एक चेहरा थे तुम
जाने क्या तुमने दे दिया
मुझको जहाँ मिल गया
धड़कन ज़रा रुक गयी है
कही ज़िंदगी बह रही है
होठो पर बात रहे बातो में सुर बहे
सुरो में गीत वही तुम्हारी ही बात कहे
मिट जाओ सपनो की आगोश में
भीग जाओ यादो की बोछार में
धड़कन ज़रा रुक गयी है
कही ज़िंदगी बह गयी है
मिलते ही आँखो ने रिश्ता पहचाना
एहसास सिने में सांसो ने जाना
मिलते ही आँखो ने रिश्ता पहचाना
एहसास सिने में सांसो ने जाना
चुपके से प्यार छू गया
दिलाके एक जनम नया
धड़कन ज़रा रुक गयी है
कही ज़िंदगी बह रही है
पलको में यादो की डोली
भीतर खुशी हस रही है
यह खुशी तुम हो तुम ही
तुम मेरी जनम करू ऐतबार
धड़कन ज़रा रुक गयी है
कही ज़िंदगी बह रही है
धड़कन ज़रा रुक गयी है
कही ज़िंदगी बह रही है
Written by: LAXMIKANTPYARELAL, MANGESH KULKARNILyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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