Ghar Tera Apna Ghar Lage

सुरैया, तालात महमूद

शोभा ये सब क्या हे तुमने तो घर की सूरत ही बदल डाली ये सब किसलिए किया कही एसा तो नही हे शोभा के मेरे फ़र्ज़ को एहसान समझ बेठी ओर नही तो फिर ये सब किस लिए किया बताओना घर तेरा अपना घर लागे जाये कहा मन इसके आगे जाये कहा मिली मन की डगर से तेरी गली मिली मन की डगर से तेरी गली जैसे मुसाफिर पाये वतन में चैन है वैसा तेरे नैन में जैसे मुसाफिर पाये वतन में चैन है वैसा तेरे नैन में चैन है वैसा तेरे नैन में नैना ढूंढे रेन बसेरा कह दो के हा यही द्वार है तेरा कह दो के हा यही द्वार है तेरा नैना ढूंढे रेन बसेरा कह दो के हा यही द्वार है तेरा कह दो के हा मिली मन की डगर से तेरी गली(मिली मन की डगर से तेरी गली) मिली मन की डगर से तेरी गली(मिली मन की डगर से तेरी गली) हाथ में जो हाथ है तेरे जैसे मंजिल साथ है मेरे हाथ में जो हाथ है तेरे जैसे मंजिल साथ है मेरे जैसे मंजिल साथ है मेरे राही तेरी गली जब से आयी आके यहाँ नित मन यही गाए आके यहाँ नित मन यही गाए राही तेरी गली जब से आये आके यहाँ नित मन यही गाए आके यहाँ मिली मन की डगर से तेरी गली(मिली मन की डगर से तेरी गली) मिली मन की डगर से तेरी गली(मिली मन की डगर से तेरी गली) घर तेरा अपना घर लगे जाये कहा मन इसके आगे जाये कहा मिली मन की डगर से तेरी गली(मिली मन की डगर से तेरी गली) मिली मन की डगर से तेरी गली(मिली मन की डगर से तेरी गली)

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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