Dabi Aag

Sunidhi Chauhan

दस्त्रे मुण्दबदा मस्तजन क्यू ना लड़ क्यू ना लड़ बेखुनम थी दबी आग वह बरसो की मैं झुलस गयी न मिला सनम उसे न देखा उसे न पाया बस रही तोह बस उसकी लगन थी दबी आग वह बरसो की मैं झुलस गयी न मिला सनम उसे न देखा उसे न पाया बस रही तोह बस उसकी लगन दस्त्रे मुण्दबदा मस्तजन क्यू ना लड़ क्यू ना लड़ बेखुनम दस्त्रे मुण्दबदा मस्तजन क्यू ना लड़ क्यू ना लड़ बेखुनम पर्वतो से लावा बहता हुवा सागर की गोद में ले जा गिरा पर्वतो से लावा बहता हुवा सागर की गोद में ले जा गिरा इक आग लगी और मचि जलन लो भड़क गयी लो लगी लगन दस्त्रे मुण्दबदा मस्तजन क्यू ना लड़ क्यू ना लड़ बेखुनम दस्त्रे मुण्दबदा मस्तजन क्यू ना लड़ क्यू ना लड़ बेखुनम साँसों में समेटे तन्हाईया अंग अंग लेता अंगड़ाईयाँ साँसों में समेटे तन्हाईया अंग अंग लेता अंगड़ाईयाँ दिल टुटा रोया राखत बहा बस न दिया उसे लगन लगन दस्त्रे मुण्दबदा मस्तजन क्यू ना लड़ क्यू ना लड़ बेखुनम दस्त्रे मुण्दबदा मस्तजन क्यू ना लड़ क्यू ना लड़ बेखुनम थी दबी आग वह बरसो की मैं झुलस गयी न मिला सनम उसे न देखा उसे न पाया बस रही तोह बस उसकी लगन थी दबी आग वह बरसो की मैं झुलस गयी न मिला सनम उसे न देखा उसे न पाया बस रही तोह बस उसकी लगन दस्त्रे मुण्दबदा मस्तजन क्यू ना लड़(लगन लगन तेरी लगन लगन) क्यू ना लड़ बेखुनम(लगन लगन तेरी लगन लगन) दस्त्रे मुण्दबदा मस्तजन क्यू ना लड़(लगन लगन तेरी लगन लगन) क्यू ना लड़ बेखुनम(लगन लगन तेरी लगन लगन) दस्त्रे मुण्दबदा मस्तजन क्यू ना लड़(लगन लगन तेरी लगन लगन) क्यू ना लड़ बेखुनम(लगन लगन तेरी लगन लगन) दस्त्रे मुण्दबदा मस्तजन क्यू ना लड़(लगन लगन तेरी लगन लगन) क्यू ना लड़ बेखुनम(लगन लगन तेरी लगन लगन)

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